ऊँचे पानी न टिके, नीचे ही ठहराय (अर्थ)

ऊँचे पानी न टिके, नीचे ही ठहराय ।

नीचा हो सो भरिए पिए, ऊँचा प्यासा जाय ।।

अर्थ: पानी ऊँचे पर नहीं ठहरता है, इसलिए नीचे झुकने वाला पानी पी सकता है । ऊँचा खड़ा रहने वाला प्यासा ही रह जाता है अर्थात नम्रता से सब कुछ प्राप्त होता है ।

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