कथा कीर्तन कुल विशे, भव सागर की नाव (अर्थ)

कथा कीर्तन कुल विशे, भव सागर की नाव ।

क़हत कबीरा या जगत, नाहीं और उपाय ।।

अर्थ: कबीरदास जी कहते हैं कि संसार रूपी भवसागर से पार उतरने के लिए कथा-कीर्तन की नाव चाहिए इसके सिवाय पार उतरने के लिए और कोई उपाय नहीं ।

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