कबीरा कलह अरु कल्पना,सतसंगति से जाय (अर्थ)

कबीरा कलह अरु कल्पना,सतसंगति से जाय ।

दुख बासे भागा फिरै, सुख में रहै समाय ।।

अर्थ: संतों की संगति में रहने से मन से कलह एवं कल्पनादिक आधि-व्याधियाँ नष्ट हो जाती हैं तथा साधुसेवी व्यक्ति के पास दुख आने का साहस नहीं करता है वह तो सदैव सुख का उपभोग करता रहता है ।

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