कबीरा संगति साधु की, हरे और की व्याधि (अर्थ)

कबीरा संगति साधु की, हरे और की व्याधि ।

संगति बुरी असाधु की, आठो पहर उपाधि ।।

अर्थ: कबीर जी कहते हैं कि साधु की संगति ही भली है जिससे कि दूसरे की आपत्ति मिट जाती है । असाधु कि संगति बहुत खराब है, जिससे कि आठों पहर उपाधियां घेरे रहती हैं ।

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