कली खोटा सजग आंधरा, शब्द न माने कोय (अर्थ)

कली खोटा सजग आंधरा, शब्द न माने कोय ।

चाहे कहूँ सत आइना, सो जग बैरी होय ।

अर्थ: यह कलयुग खोटा है और सारा जग अंधा है मेरी बात कोई नहीं मानता, बल्कि जिसको भली बात बताया हूँ वह मेरा बैरी हो जाता है ।

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