जल ज्यों प्यारा माछरी, लोभी प्यारा दाम (अर्थ) जल ज्यों प्यारा माछरी, लोभी प्यारा दाम । माता प्यारा बालका, भक्तना प्यारा नाम ।। अर्थ: जैसे जल मछ्ली के लिए प्यारा लगता है और धन लोभी को प्यारा है, माता को पुत्र प्यारा होता है । इसी प्रकार भगवान के भक्त को ईश्वर के नाम का स्मरण ही अच्छा लगता है । Tags: kabir das, kabir ke dohe, कबीर के दोहे Read more articles Previous Postजा घर गुरु की भक्ति नहि, संत नहीं समझना (अर्थ) Next Postजा कारण जग ढूंढिया, सो तो घट ही माहिं (अर्थ) You Might Also Like धीरे-धीरे रे मना, धीरे सब कुछ होय (अर्थ) May 17, 2023 जब लग नाता जगत का, तब लग भक्ति न होय (अर्थ) May 1, 2023 प्रेम पर कबीर के दोहे | prem par kabir ke dohe March 25, 2023 Leave a Reply Cancel replyCommentEnter your name or username to comment Enter your email address to comment Enter your website URL (optional) Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.