जा घर गुरु की भक्ति नहि, संत नहीं समझना (अर्थ)

जा घर गुरु की भक्ति नहि, संत नहीं समझना ।

ता घर जाम डेरा दिया, जीवन भये मसाना ।।

अर्थ: जिस घर में ईश्वर तथा संतों के प्रति आदर-सत्कार नहीं किया जाता है, उस घर में यमराज का निवास रहता है तथा वह घर श्मशान के सदृश है, गृहस्थी का भवन नहीं है ।

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