जो तोकूं काँटा बुवै, ताहि बोय तू फूल (अर्थ)

जो तोकूं काँटा बुवै, ताहि बोय तू फूल ।

तोकू फूल के फूल है, बांकू है तिरशूल ।।

अर्थ: कबीर जी कहते हैं कि जीव यदि तेरे लिए कोई कांटे बोवे तो तू उसको फूल बो अर्थात हे प्राणी तेरे साथ में कोई बदी करे तो तू उसके साथ नेकी कर अर्थात मेरे लिए तेरा सदव्यवहार है और किसी का तेरे लिए किया हुआ । दुर्व्यवहार पुनः उसके लिए कांटा है ।

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