दया कौन पर कीजिये, कापर निर्दय होय (अर्थ) दया कौन पर कीजिये, कापर निर्दय होय । साईं के सब जीव है, कीरी कुंजर दोय ।। अर्थ: किस पर दया करनी चाहिए या किस पर नहीं करनी चाहिए हाथी और कीड़ा अर्थात छोटे-से-छोटे और बड़े-से-बड़े सब भगवान के बनाए हुए जीव हैं । उनको समदृष्टि से देखना चाहिए । Tags: kabir das, kabir ke dohe, कबीर के दोहे Read more articles Previous Postदया आप हृदय नहीं, ज्ञान कथे वे हद (अर्थ) Next Postनहिं शीतल है, चंद्रमा, हिम नहिं शीतल होय (अर्थ) You Might Also Like जहाँ ग्राहक तंह मैं नहीं, जंह मैं गाहक नाय (अर्थ) May 17, 2023 झूठे सुख को सुख कहै, मानता है मन मोद (अर्थ) May 17, 2023 जहाँ काम तहाँ नाम नहिं, जहाँ नाम नहिं काम (अर्थ) May 1, 2023 Leave a Reply Cancel replyCommentEnter your name or username to comment Enter your email address to comment Enter your website URL (optional) Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.