कागा काको धन हरे, कोयल काको देय (अर्थ)

कागा काको धन हरे, कोयल काको देय ।

मीठे शब्द सुनाय के, जग अपनो कर लेय ।।

अर्थ: कागा किसका धन हरता है जिससे संसार उससे नाराज रहता है और क्या कोयल किसी को अपनी धुन देती है वह तो केवल अपनी मधुर (शब्द) ध्वनि सुनाकर संसार को मोहित कर लेती है ।

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